उत्तरप्रदेश में इस बार नोटबंदी के साये में चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में अखिलेश यादव सरकार के पांच साल के कार्यकाल पर तो मतदाता अपनी राय जाहिर करेंगे ही, मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर भी अपनी मोहर लगाएंगे।