चक्रवात निसर्ग बुधवार को मुंबई के करीब तक पहुंचा, लेकिन कोविड-19 महामारी से जूझ रहे महानगर को इसने प्रभावित नहीं किया और शाम में यह कमजोर भी पड़ गया। हालांकि रायगढ़ और पालघर जिले में तूफान के चलते पेड़ उखड़ गए।
महाराष्ट्र तट पर बुधवार 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पहुंचने के बाद यह चक्रवात शाम में कमजोर पड़ गया।
कई जगह पेड़ टूटे तो कहीं-कहीं कच्चे मकान पूरी तरह धराशायी हो गए। अलीबाग में टकराए इस तूफान का असर राज्य में 2 घंटे से भी ज्यादा रहा।
पुलिस के मुताबिक महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के उमात गांव में चक्रवात से बचने की कोशिश में अपने घर भागने के दौरान 58 वर्षीय एक व्यक्ति पर बिजली का एक ट्रांसफॉर्मर गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खेड़ तहसील के वाहागांव की निवासी मंजाबाई अनंत नावले (65) के घर की दीवार उन पर गिरने से उनकी
मौत हो गई।
वैसे मुंबई से आगे बढ़ते ही तूफान के तेवर नरम पड़ गए थे। गुजरात के दक्षिणी तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान निसर्ग की वजह से कोई बड़े नुकसान की खबर देर रात तक नहीं थी।
गुजरात सरकार ने 8 जिलों में तट के पास रहने वाले 63,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की 18 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की 6 टीमों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोगों और अधिकारियों द्वारा दिखाए गए हिम्मत और जज्बे के कारण चक्रवाती तूफान निसर्ग के खतरे से निपटने में सहायता मिली।