मप्र में किस तरह से घोटालों को दबाया जाता है। उसकी बानगी आज हम अपनी कवर स्टोरी में बताने वाले है। ये मामला कृषि विभाग से जुड़ा है। साल 2016 से 2019 तक मप्र के कृषि विभाग में बीज खरीदी के नाम पर 10 करोड़ का घोटाला हुआ है। मामले में जांच ही चल रही है और अबतक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। आपको पूरी रिपोर्ट दिखाते हैं। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के बीच क्या अनबन बढ़ती जा रही है। ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि द सूत्र के कैमरे में दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत दर्ज हुई है वो कुछ इसी तरफ इशारा कर रही है। मप्र में शराब का मुद्दा सियासी होता जा रहा है। कांग्रेस तो इस मसले पर सरकार को घेर ही रही है और अब बीजेपी में बयानबाजी नजर आ रही है।