आज गौरैया की आवाज कहीं गुम होती जा रही है। देश में गौरैया की घटती संख्या चिंता का विषय है। पिछले कुछ सालों में इसकी संख्या में 60 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। अगर यही हाल रहे तो कुछ सालों में इस चिड़िया की चहचहाहट सुनाई ही नहीं देगी। 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है कि गौरैया की प्रजाति को संरक्षित किया जाए। तो आज हम सभी संकल्प लें कि घरों में गौरैया के लिए दाना-पानी रखें, उनके घौसले घरों में बनने दें।