अगर आप किसी ऐसे शख्स को तलाश रहे हैं जिसने तमाम मुश्किलों पर पार पाकर अपनी मंजिल हासिल की हो तो त्रिपुरा के दिव्यांग छात्र रोमियो हरंगख्वाल से बेहतर कोई और मिसाल नहीं हो सकती. रोमियो चल-फिर नहीं पाते हैं लेकिन उन्होंने तमाम बाधाओं को पार करते हुए 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास की है. अपनी दिव्यांगता को उन्होंने अपनी ताकत बनाया और लिखने के लिए सिर्फ अपने पैर के अंगूठे का इस्तेमाल किया. रोमियो के पिता का कहना है कि स्कूल के शिक्षकों ने उनके बेटे का हौसला बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जिसके लिए वे उनके आभारी है. हालांकि उन्हें अब चिंता सता रही है कि कहीं परिवार की आर्थिक तंगी रोमियो की आगे की पढ़ाई में रुकावट न बन जाए. स्कूल के शिक्षक भी तमाम शारिरिक दिक्कतों के बावजूद कड़ी मेहनत, बुलंद हौसले और बेहतरीन जज्बे के साथ 10वीं कक्षा की परीक्षा पास करने में मिली कामयाबी के लिए रोमियो की पीठ थपथपा रहे हैं. रोमियो की कामयाबी ने उसके स्कूल, इलाके के लोगों और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा का ध्यान खींचा है. मुख्यमंत्री ने रोमियो को 'प्रेरणा का स्तम्भ' बताया है. रोमियो के माता-पिता ने सरकार और लोगों से वित्तीय मदद देने की अपील की है ताकि वो अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके.