सवाईमाधोपुर. आज विश्व थायराइड दिवस है। अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान के कारण लोग मोटापे, डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीडि़त हो रहे हैं। इसके कारण लोगों को थायराइड जैसी खतरनाक बीमारी दबे पांव अपना शिकार बना रही है। शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले मरीजों में हर दिन सौ से अधिक लोग थायराइड पीडि़त मिल रहे हैं। उधर, शहर सबसे बड़े अस्पताल में थायराइड की जांच की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे मरीजों को निजी अस्पतालों में महंगे दामों पर थायराइड की जांच करानी पड़ रही है लेकिन अब तक अस्पताल महकमे ने जांच की सुविधा शुरू नहीं कराई है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
एक साल से बंद है थायराइड सहित कई जांचें
जिला अस्पताल में ब्लड बैंक के पास कमरा नम्बर 180 में मरीजों को थायराइड, टॉर्च सहित 40 प्रकार की जांच की मुफ्त सुविधा मिल रही थी लेकिन 15 मई 2024 से नि:शुल्क जांचे बंद है। ऐसे में मरीजों को महंगे दामों पर निजी डायग्नोस्टिक केन्द्रों पर जांच करानी पड़ रही है। मरीजों से थायराइड की जांच की एवज में निजी डायग्नोस्टिक केन्द्र पांच सौ रुपए तक वसूल रहे है।
कोलेस्ट्रोल को करती है प्रभावित
थायराइड एक तरह की ग्रंथि होती है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर तितली के आकार में होती है। यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है। ग्रहण किए गए खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करती है। हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों और कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है।
महिलाओं में अधिक होती है थायराइड की बीमारी
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में थायराइड की बीमारी अधिक होती है। गर्भवती महिलाओं में हाइपोथायराइड की बीमारी सामान्य है। यह बांझपन का मुख्य कारण है। गर्भावस्था में थायराइड नियंत्रित नहीं होने पर गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। बीमारी के नुकसान से बचने के लिए गर्भावस्था के साथ ही 35 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को प्रति पांच वर्ष में एक बार थायराइड जांच जरूर कराना चाहिए।
कम उम्र के बढ़े मरीज
शहर में थायराइड के कई नए मरीज कम उम्र में मिले हैं। चिकित्सकों के अनुसार फास्ट फूड सहित असंतुलित खान-पान से बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं। मोटापा थायराइड समस्या का प्रमुख कारण हो सकता है। यही वजह है कि 14 से 16 वर्ष की उम्र में थायराइड के शिकार हो रहे हैं।
ये बोले लोग...
जेब पर पड़ रहा आर्थिक भार
करीब सात-आठ साल से थायराइड बीमारी से ग्रसित हूं। पूर्व में जिला अस्पताल में थायराइड की जांच होती थी लेकिन जांचे बंद होने से परेशानी उठानी पड़ रही है। जांच की सुविधा नहीं होने जेब पर भार बढ़ रहा है। मजबरन निजी लैबों पर महंमे दामों में जांच करानी पड़ती है। स्थानीय अस्पताल में जांच की सुविधा शुरू होनी चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिले।
शारदा देवी, मरीज, हनुमान नगर, सवाईमाधोपुर
अस्पताल में शुरू हो थायराइड की जांच
मेरे करीब चार-पांच थायराइड है। अस्पताल में करीब एक साल से जांच की सुविधा बंद है। ऐसे में निजी लैबों पर पांच सौ रुपए तक थायराइड की जांच करानी पड़ रही है। ऐसे में अस्पताल में थायराइड जांच की सुविधा शुरू होनी चाहिए।
अंश अग्रवाल, मरीज, हाउसिंगबोर्ड, सवाई माधोपुर
इनका कहना है...
अस्पताल में थायराइड सहित 40 प्रकार की जांचों की सुविधा बंद है। इसके लिए हमने राज्य सरकार का पत्र लिखा है। जांचों को फिर से शुरू कराने का प्रयास किया जाएगा, ताकि मरीजों को राहत मिले।
डॉ.तेजराम मीणा, पीएमओ, सामान्य चिकित्सालय सवाईमाधोपुर