बड़वानी: नर्मदा किनारे मौजूद तारकेश्वर हनुमान मंदिर सनातन सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण प्रतीक है. जिसे 5000 वर्ष पुराना होने का दावा किया जाता है. जो कि चिखल्दा में बांध के बैकवाटर के कारण क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है. बांध के पानी के भारी दबाव को मंदिर की जर्जर दीवार सहन करने की स्थिति में नहीं है. जिसके चलते स्थानीय लोगों को डर है कि बीते कुछ समय में सनातन सांस्कृतिक विरासत के रूप में प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण मंदिर ढह सकता है. मंदिर को बचाने अम्बिका आश्रम बालीपुर धाम के आचार्य धीरेन्द्र पाण्डेय रविवार से चिखल्दा में अंतिम सांस तक जल सत्याग्रह कर रहे हैं. उनकी मांग है कि, ''प्रशासन द्वारा इसको बचाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाए.''