भिवाड़ी. उद्योग क्षेत्र में शनिवार, रविवार देर रात को हुई बारिश के बाद जलभराव हुआ। पूर्व की भांति प्राकृतिक बहाव की तरफ पानी आया और धारूहेड़ा तिराहे पर जलभराव हो गया। धारूहेड़ा नगर पालिका (हरियाणा प्रशासन) ने पूर्व की तरह इस बार भी बारिश के पानी का बहाव रोक दिया। सोमवार को मलबे से भरे ट्रैक्टर- ट्रॉली आए और नाले के ऊपर डालना शुरू कर दिया। एकाएक बारिश के पानी का बहाव रोक दिया। नालों पर मलबा पटके जाने के बाद बाइपास पर जलभराव की स्थिति यथावत हो गई। रैंप से बीडा कार्यालय तक जलभराव रहा।
पहले गंदे पानी का बहाना, अब बारिश पर भी...पहले उद्योग क्षेत्र का पानी धारूहेड़ा में जाता था, तब हरियाणा प्रशासन का विरोध था कि उद्योगों का दूषित पानी आता है। जुलाई 2023 में दूषित पानी को रोकने के लिए धारूहेड़ा नगर पालिका ने एनएच पर चार फीट ऊंचा रैंप बना दिया और नालों को रोक दिया। इसके बाद भिवाड़ी में उद्योगों के पानी को शोधित करने के लिए सीईटीपी शुरू हो चुका है। उद्योगों का पानी पाइप लाइन से आता है और शोधित होकर दोबारा उपयोग के लिए जाता है। इसी तरह सीवरेज के भी सभी सेक्टर में कनेक्शन हो चुके हैं। अब दूषित पानी का सवाल नहीं उठता। अब हरियाणा बारिश के पानी को भी लेना नहीं चाहता। धारूहेड़ा में साहबी नदी तक पानी को ले जाने के लिए उचित नाले-नाली नहीं है। धारूहेड़ा नगर पालिका खुद की खामी को छिपाने के लिए भिवाड़ी के प्राकृतिक बहाव को रोक रहा है।
आमजन को हुई परेशानी: रेवाड़ी- पलवल स्थित धारूहेड़ा तिराहे पर जलभराव से आमजन को मुसीबत झेलनी पड़ रही है। दो दिन से बाइपास के बाजार में मायूसी है। व्यापारियों के लिए दुकान खोलना मुश्किल हो रहा है। सुबह से शाम तक ग्राहक नहीं आते। इसी तरह यहां से गुजरने वाले राहगीर, दो पहिया, चार पहिया और भारी वाहनों को भी इधर -उधर से चक्कर लगाकर निकलना पड़ रहा है। 22 महीने से जलभराव की यह समस्या आमजन को मुसीबत में डाले हुए है।
अपने गांव का
नहीं रोका पानी
हरियाणा के एक दर्जन गांव, सेक्टर और मजदूर कॉलोनियों का पानी भिवाड़ी में आता है। अंतरराज्यीय बैठक में भी यह मुद्दा कई बार उठा है। हरियाणा क्षेत्र से यह पानी पांच से दस एमएलडी तक आता है। हरियाणा प्रशासन के पास इन गांव और सेक्टर के पानी के निस्तारण की अभी तक कोई योजना नहीं है।