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swm mews: बचपन से लेकर बुढ़ापे तक साइकिल बनी ‘सहारा’

2025-06-03 85 Dailymotion

सवाईमाधोपुर. आज विश्व साइकिल दिवस है। जिस दौर में लोग दुपहिया व चौपहिया वाहनों की सोचते है, उस दौर में साईकिल चलाकर लोगों को बीमारियों से बचने एवं स्वस्थ्य रहने के लिए प्रेरित करना हैरानी की बात है। कुछ ऐसा ही जिले में 70 साल की आयु में लोग कर रहे है। उनमें आज भी युवाओं जैसा जोश कायम है।
जहां पेट्रोल के दाम 106 रुपए प्रति लीटर से अधिक है। वहीं उम्रदराज लोग लोगों को पेट्रोल बचाने का संदेश भी दे रहे है। रोजाना करीब 20 से 25 किलोमीटर साइकिल चलाकर लोगों को बढ़ते हुए पेट्रोल के दामों से बचाने पर जोर दे रहे है।

दशकों से साइकिल चलाने वाले लोगों की जुबानी...

पेट्रोल की होती है बचत
मेरी उम्र 60 साल है। मैं बचपन से ही साइकिल चला रहा हूं। प्रतिदिन मैं 20 किलोमीटर साइकिल चलाता हूं। सीमेंट फैक्ट्री से सौरभ टीटी कॉलेज करीब 6 से 7 किलोमीटर है। आने-जाने में 14 किमी का सफर साईकिल से ही करता हूं। वहीं गृहस्थी का काम भी साईकल से ही करता हूं। जिंदगी में अब तक तीन बार साईकल खरीद चुके। साइकिल चलाने से ना केवल शरीर फिट रहता है बल्कि पेट्रोल की भी बचत होती है।
देवकीनंदन, निवासी सीमेंट फैक्ट्री, सवाईमाधोपुर

नियमित रूप से लोगों साइकिल चलाने का दे रहे संदेश
1975 में मैंने साइकिल चलाना शुरू किया था। 50 सालों से लगातार साइकिल पर ही गृहस्थी का काम कर रहा हूं। इसके बाद तो मैं कई लोगों को प्रेरित कर चुका हूं। साइकिल के फाायदे बताने का क्रम आज भी जारी है। मैं तो रोजाना 25 से 30 किमी साइकिलिंग करता हूं। इससे स्वास्थ्य में लाभ मिला है। आज भी घर के सारे कार्य इसी साइकिल से किए जाते है। बाजार से सब्जी लाना, गैस सिलेंडर भराना, आटा पीसना, मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था रोज इसी साइकिल से करता हूं। लोगों को भी में नियमित रूप से साइकिल चलाने का संदेश दे रहा हूं।
रतन जाट, निवासी कुश्तला

साइकिल चलाने से शरीर रहता है तंदुरुस्त
साइकिल चलाने से शरीर तंदुरुस्त रहता है। सुबह की शुरुआत साइकिलिंग से ही होती हैं। मैं रोजाना 25 से 30 किमी साइकिल चलाता हूं। 70 साल की आयु में भी हष्टपुष्ट शरीर व युवाओं के जैसा जोश व जज्बा है। घर से बाहर बाजार जाना हो या आसपास। साईकिल पर सवार होकर ही पहुंचते है। पिछले 51 वर्षों से साइकिल चलाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
रामोतार शर्मा, निवासी बौंली

एक्सपर्ट व्यू...
बच्चे खरीद रहे, बड़ो ने बनाई दूरी
करीब डेढ़ दशक से साइकिलों में बदलाव आया है। करीब 20 साल पहले सामान्य साइकिल 1500 से 2 हजार रुपए में आ जाती थी जबकि वर्तमान में पांच से छह हजार रुपए में मिल रही है। पूरे जिला मुख्यालय पर करीब सौ साइकिलों की दुकाने संचालित है। अब अभिभावक केवल बच्चों के लिए ही साइकिल खरीद रहे है, जबकि बड़ो ने साइकिल से दूरी बना ली है। करीब दो दशक पहले आजीविका से लेकर गृहस्थी के काम काज में साइकिल का ही उपयोग किया जाता था लेकिन अब ऐसा देखने को नहीं मिलता है।
नीलकमल जैन, साइकिल विक्रेता, सवाईमाधोपुर