पद्म विभूषण रामोजी राव ने न सिर्फ तेलुगु जगत, बल्कि देश-दुनिया भर में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. उनकी उपलब्धियां प्रेरणास्रोत रहीं हैं.