Lalu Yadav Birthday: वैसे तो लालू यादव की कई कहानियां हैं पर साल 1996 उनकी ज़िन्दगी में कभी भुला न पाने वाला दाग लेकर उभरा.इसी वर्ष उनपर चारा घोटाला का आरोप साबित हुआ, जिसकी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी. आजाद भारत में पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर यह पहला बड़ा घोटाला था, जिसने बिहार की राजनीति को बदल दिया. चारे के नाम पर सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपये निकाल लिए गए. यह घोटाला करीब नौ सौ करोड़ के ऊपर तक जा पहुंचा. इस मामले में साल 1996 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया. 30 जुलाई 1997 को चारा घोटाले के आरोपी के रूप में लालू यादव पहली बार जेल गए. जेल जाने से पहले 4 जुलाई 1997 की शाम को पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल ने अपने आवास पर नेताओं की एक बैठक बुलाई गई, इसमें लालू यादव भी शामिल हुए. इस बैठक में लालू प्रसाद से ने कहा कि वह सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे, लेकिन उनको जनता दल का अध्यक्ष रहने दिया जाए. लालू सीबीआई की गिरफ्त में घिर चुके थे. जिसकी वजह से लालू की एक बात नहीं सुनी गई. और अगले ही दिन यानी 5 जुलाई को लालू ने 'राष्ट्रीय जनता दल' के नाम से अपनी अलग पार्टी बना ली. यह बात यहीं खत्म नहीं होने वाली थी, इसके बाद पार्टी में आंतरिक कलह की गूँज उठने लगी थी कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इसके कई दावेदार भी निकल रहे थे. लेकिन सत्ता की कुर्सी उन्हें बहुत मुश्किल से मिली थी, वे इसे यूं ही खोना नहीं चाहते थे. तब उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में राबड़ी देवी का चयन कर लिया. लालू चाहते तो अपनी पार्टी के किसी वफादार सिपाही को मुख्यमंत्री बना सकते थे. लेकिन सियासत के माहिर खिलाड़ी लालू प्रसाद अच्छी तरह जानते थे कि मुख्यमंत्री की कुर्सी ही ऐसी है जिसमें अपने अलावा किसी और पर भरोसा किया ही नहीं जा सकता. अब मामला 2006 का है, उस वक्त लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई के मुताबिक, लालू ने रेलवे के होटलों की चेन के रखरखाव का टेंडर नियमों की अनदेखी करते हुए प्राइवेट कंपनियों को दिया था और इसकी एवज में उन्हें जमीन दी गई थी. उस जमीन पर पटना में मॉल का निर्माण किया गया. अगला मुद्दा तब उछला जब लालू यादव और उनके परिवार पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप 2017 में सामने आया. आयकर विभाग और ईडी ने देशभर में उनके ठिकानों पर छापे मारे, आरोप लगा कि परिवार ने 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां खरीदीं, जिनमें दिल्ली, पटना और गुरुग्राम की संपत्तियां शामिल हैं. इस मामले में लालू के बेटे तेजस्वी यादव और बेटी मीसा भारती पर भी जांच एजेंसियों की गाज गिरी. चारा घोटाले, में जेल की हवा खा चुके लालू प्रसाद यादव पर मिट्टी घोटाले का आरोप भी लग चूका है. सुशील मोदी ने उनपर आरोप लगाया था कि लालू ने अपने शॉपिंग मॉल की मिट्टी को बिना टेंडर के अपने बेटे के विभाग को 90 लाख में बेच दिया. दो अंडरग्राउंड फ्लोर की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को बेची गई. यह उद्यान पर्यावरण एवं वन विभाग के अन्तर्गत आता है तब जिसके मंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप थे.
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