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जानिए HIIMS में Kizhi (पोटली मसाज) में उपयोग होने वाली पोटली कैसे बनाई जाती है?

2025-06-16 1 Dailymotion

HIIMS में किजी पोटली (Potli) को आयुर्वेदिक विधियों और जड़ी-बूटियों के साथ पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है। इसकी प्रक्रिया इस प्रकार होती है:

1. जड़ी-बूटियों का चयन:
पहले रोग की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार विशेष औषधीय जड़ी-बूटियों का चयन किया जाता है, जैसे – अरंडी के पत्ते, निर्गुंडी, अश्वगंधा, सौंठ, हल्दी, रसमदुर आदि।

2. हर्ब्स को भूनना या पकाना:
इन जड़ी-बूटियों को तिल के तेल या औषधीय काढ़े में भूनकर या हल्का गर्म करके उनका औषधीय रस सक्रिय किया जाता है।

3. कपड़े में बांधना:
तैयार मिश्रण को साफ सूती कपड़े में डालकर छोटी-छोटी पोटलियाँ (Potli) बनाई जाती हैं। ये पोटलियाँ मजबूत धागे से बाँधी जाती हैं ताकि मसाज के दौरान ये खुले नहीं।

4. गरम करना:
मसाज से पहले इन पोटलियों को औषधीय तेल में डुबोकर हल्का गर्म किया जाता है ताकि यह शरीर में गहराई तक असर कर सके।

5. थैरेपी के अनुसार उपयोग:
फिर इन गर्म पोटलियों से शरीर के प्रभावित हिस्सों की धीरे-धीरे मसाज की जाती है। इससे दर्द में राहत, सूजन में कमी और रक्त संचार में सुधार होता है।