बिहार की सरिता राय ने चुपचाप बैठकर स्लम एरिया के बच्चों की दुर्दशा नहीं देखी, बल्कि सरकारी नौकरी छोड़कर उन्हें पढ़ाने में जुट गई. पढ़ें