अलवर/ बहरोड़/ भिवाड़ी. झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिङ्क्षल्डग गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई और 21 बच्चे घायल हो गए। यह महज हादसा नहीं, बहुत बड़ा सबक है। स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए बजट का रोना रोने वालों की नींद इस हादसे के बाद खुल जानी चाहिए। पुराने अलवर जिले के हिसाब से 16 ब्लॉकों में 74 सरकारी स्कूल भवन जर्जर हैं। मौजूदा वक्त में ये स्कूल अलवर, बहरोड़-कोटपूतली और खैरथल-तिजारा में संचालित हैं। इसमें अलवर जिले के 50, कोटपूतली-बहरोड़ जिले के 13 और खैरथल-तिजारा जिले के 11 स्कूल भवन जर्जर हैं। कहीं कमरों से पानी टपक रहा है और तो लेंटर गिर रहा है। बच्चे रोजाना जान जोखिम में डालकर इन स्कूलों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। शिक्षा विभाग की ओर से डेढ़ महीने पूर्व इन स्कूलों की मरम्मत कराने का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया, लेकिन अब तक बजट की स्वीकृति नहीं दी है। जानकार बताते हैं कि सरकारी स्कूलों में मरम्मत के नाम पर मामूली बजट दिया जाता है, जिससे मरम्मत होना संभव नहीं है।
एक पट्टी टूटने से तीन छात्राएं हो गई थी
गंभीर घायल
हरसौली. कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 40 कमरे है। लेकिन दस कमरे जर्जर हालत में है। ऐसी खराब स्थिति में विद्यार्थी ं जर्जर भवनों में अपना भविष्य गढऩे को मजबूर है।
इसके बाद भी शिक्षा विभाग स्कूल भवन को मरम्म्त कराने की जरुरत नहीं समझ रहा है। जानकारी के अनुसार इसी स्कूल में 19 अप्रेल 2025 को अचानक से एक कमरे कि छत का पटाव टूटने से तीन छात्राएं भी घायल हो चुकी है। लेकिन शिक्षा विभाग इस हादसे से भी सबक नहीं ले रहा।
विद्यालय प्रधानाचार्य से मिली जानकारी अनुसार स्कूल में करीब 40 कमरे है जिनमें से 10 कमरे व कुछ बरामदे जर्जर हालत में है। वहीं बारिश के दिनों में कुछ कमरों कि छत से पानी टपकता है। विद्यालय भवन के जर्जर कमरों के बारे में प्रधानाचार्य ने शिक्षा विभाग इसकी जानकारी
दी है।