ये रिकवरी की कहानी है अचुकी देवी की, जो कैंसर का इलाज अलोपैथी से करा रही थीं। सर्जरी कराने के बाद 45 कीमो भी लीं। कीमो के साइड इफेक्ट्स से हालत बहुत खराब हो गई थी — चलने, बैठने और लेटने में दर्द होता था। इतना कष्ट सहने के बाद भी कैंसर वापस आ गया।
लेकिन फिर इन्होंने आयुर्वेद का सहारा लिया। आज पूरे एक महीने बाद, जो तीन पेनकिलर ये रोज़ लेती थीं, वो बंद हो गए हैं। पंचकर्म, अन्य थैरेपीज़ और शुद्धि आयुर्वेद की दवाइयों से इन्हें आराम मिला है, और जो 16 सेमी की सिस्ट थी, अब सिर्फ 10 सेमी की रह गई है।
पेशेंट के पति अब बहुत खुश हैं और बताते समय मुस्कुरा भी रहे हैं। आयुर्वेद ने इनके जैसे कई लोगों को ये उम्मीद दी है कि वे ठीक हो सकते हैं — और अपनी इच्छाशक्ति से सचमुच ठीक हुए भी हैं।